लंबे समय बाद झंडेवाला पार्क में फिर लहराया तिरंगा
Shri Ramjanki Times
लखनऊ। नटराज कलामंडल के कलाकारों ने भारत की आजादी से जुड़े गौरव स्थलों पर आधारित 75 नुक्कड़ नाटकों की श्रृंखला में प्रारंभिक रिहर्सल अमीनाबाद के झंडेवाले पार्क में प्रारंभ करते हुए तिरंगा फहराया।
दर्जनों नाटकों में रंगमंच कलाकार के रूप में पहचान बना चुके पुरुषोत्तम गाँधी ने कहा कि इस समय पूरे देश में 1अगस्त से 15अगस्त तक घर-घर झंडा फहराने का सरकारी आयोजन चल रहा है और भारतीय आजादी की लड़ाई का तीर्थ कहा जाने वाला अमीनाबाद का ऐतिहासिक झंडेवाला पार्क खुद लखनऊ नगर निगम का सरकारी पार्क होते हुए भी एक अदद तिरंगे झंडे के लिये तरस रहा है। इसलिये उनकी नुक्कड़ कलाकार टीम ने तय किया था कि अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ भारतीयों की लड़ाई पर आधारित 75 नुक्कड़ नाटकों की श्रृंखला की शुरुआत इसी लखनऊ के ऐतिहासिक मैदान से करेंगे जो 1942 में महात्मा गाँधी के आह्वान पर शुरू हुए 'भारत छोड़ो आंदोलन' का सबसे बड़ा ऐतिहासिक गवाह है।
इस नुक्कड़ प्रदर्शन श्रृंखला की आयोजक संस्था उत्कर्ष, लखनऊ के नाट्य प्रभारी अनिल तिवारी के अनुसार आगामी 12अगस्त को दारुलशफा ए ब्लॉक में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में आजादी के जब्तशुदा नगमों के सस्वर गायन के अलावा लखनऊ में आजादी की गवाही समेटे ऐतिहासिक स्थलों पर आधारित नुक्कड़ नाटक और वृत्तचित्र प्रदर्शन भी प्रस्तावित है।सोमवार को हुए नुक्कड़ प्रस्तुति में दलबदलू नेता की भूमिका में मौजूद रहे संजीव पाँडेय ने बताया कि मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व खुद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के ऐतिहासिक योगदान को भूला बैठा है।
पीआर कंपनियों के भरोसे नयी पीढ़ी को आजादी की लड़ाई की सतही जानकारी दी जा रही है।संयोजक विमल प्रकाश ने बताया कि झंडेवाला पार्क में लगा सरकारी स्तंभ गलत जानकारियों से भरा हुआ है जो सीधे तौर इस स्थल भारतीय स्वाधीनता संग्राम में शहीद होने वाले क्रांतिवीरों का अपमान है और इस देशद्रोह के बराबर समझा जाना चाहिये।निर्देशक पुरुषोत्तम गाँधी ने कहा कि 1अगस्त केवल कमला नेहरू का जन्मदिन और लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि की तारीख ही नहीं है, बल्कि सौ साल पहले इसी दिन महात्मा गाँधी ने चरखे के माध्यम से असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी और आज स्वतंत्रता प्राप्ति के पचहत्तर वर्षों के बाद भारत सरकार भारतीयों के घरों पर चीनी तिरंगा फहराने में जुटी है।
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