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दूध देना बंद कर चुकी गायों को छोड़ने वाले किसान विधिक कार्रवाई के लिए तैयार रहें : धर्मपाल सिंह

बीमार गायों के लिए उप्र सरकार ने यूपी 112 की तरह टोल फ्री नंबर जारी किया



कानपुर। सरकार अकेले गोशालाएं नहीं चला सकती, सबके सहयोग से ही गोशालाओं का संचालन किया जा सकता है। सामाजिक संस्थाएं,जनप्रतिनिधि,प्रधान भूसा उपलब्ध कराएंगे। गोशालाओं को स्ववित्तपोषित किया जाएगा।  दूध देना बंद कर चुकी गायों को छोड़ने वाले किसान विधिक कार्रवाई के लिए तैयार रहें। बीमार गायों के लिए उप्र सरकार ने यूपी 112 की तरह टोल फ्री नंबर जारी किया है। इससे बीमार गायों को मौके पर उपचार देने के लिए वैन सेवा को जोड़ा गया है। सूचना मिलने पर एक डॉक्टर,दो कंपाउंडर और केयरटेकर से लैस वैन मौके पर जाकर गाय का उपचार करेंगे। यह बात गुरुवार को पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सर्किट हाउस में कही।
न्होंने बताया कि गाय के दूध के अलावा,गोबर,मूत्र सब उपयोगी है। सबसे पहले जन सहयोग से मिलने वाले भूसे का भंडारण कर उनके खाने की व्यवस्था की जाएगी। गोबर की बिक्री के लिए एक कंपनी से वार्ता की गई है। इसके साथ ही देशी गायों का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं।

गाय छोड़ने पर होगी विधिक कार्रवाई


गाय जब दूध देना बंद कर देती है तब किसान उसको निराश्रित छोड़ देता है। जो खेतों और सड़कों पर घूमने लगती है। अब ऐसा करने पर किसान पर विधिक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे किसानों को प्रधान चिन्हित करेंगे। अभी  500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसको पशु अधिनियम के तहत लाया जा रहा है। जिससे उस पर पुलिस द्वारा विधिक कार्रवाई की जा सके।

यूपी 112 की तरह गायों के लिए यूपी 1962

बीमारों गायों को मौके पर ही उपचार उपलब्ध कराने के लिए मंत्रालय ने यूपी 1962 टोल फ्री नंबर जारी किया है। जिसका टेस्ट ट्रायल चल रहा है। इसपर मिलने वाली सूचना तुरंत वेटेनरी वैन को भेजी जाएगी। जिसमें एक वेटेनरी डाक्टर,दो कंपाउंडर और एक अटेंडेंट होगा। जो मौके पर जाकर गाय का उपचार करेगी। प्रदेश भर में सेवा उपलब्ध कराने के लिए 545 वैन खरीदी गईं हैं। जिनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लोकार्पण के बाद पूरे प्रदेश में तैनात कर दिया जाएगा।

पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री बृहद गौ संरक्षण केन्द्र रामपुर,सरसौल का निरीक्षण किया, निरीक्षण में गौ संरक्षण केन्द्र में 490 गोवंश संरक्षित पाये गये तथा गौ संरक्षण केन्द्र में चारा, पेयजल व प्रकाश की समुचित व्यवस्था पायी गयी।निरीक्षण के समय उपस्थित ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय निवासियों से भूसा दान करने का आग्रह भी किया। इसके बाद उन्होंने भौती स्थित कानपुर गौशाला सोसायटी का निरीक्षण किया। 

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