#Unnao_News : गौवंशियों की दुर्दशा और चैन की बांसुरी बजा रहा जिला प्रशासन
Shri Ramjanki Times ( Santosh Awasthi )
उन्नाव। चुनाव के दौरान गौवंशियों की ऐसी दशा जिसका दर्द शब्दों में बयां नही किया जा सकता। प्रशासन की ऐसी मनमानी ऐसी अनदेखी कि जैसे मानवीय संवदेना शब्द महज शब्दकोश रुपी तरकस की बानगी बनकर रह गया हो। अधिकारी तो ऐसा गांधारी बने हुए है कि जैसे सब कुछ ठीकठाक चल रहा हो और वह इसी वजह से चैन की बंशी बजा रहे है।
लगातार मुर्तजानगर में चुनाव के पहले बनी अस्थाई गौशाला में बदतर इंतजाम की खबरें सुर्खियां बटोर रही है लेकिन साहब को कोई खामी नजर नही आ रही है। गौवंशियों की दशा इतनी बदतर है कि भूख प्यास से बेहाल होकर शरीर जवाब देकर भूमि पर गिर रहा है। और उनके अंग अंगों को पशु पक्षी अपना आहार बना रहे है। इससे बदतर जीवन आखिर क्या हो सकता है।
बता दें कि लखनऊ-कानपुर हाईवे स्थित मुतर्जानगर गांव में चुनाव से पहले एक अस्थाई गोशाला बनाई गई थी। जिसमें लगभग 30 से अधिक गांव से 7000 छुट्टा मवेशियों को लाकर बंद करा दिया गया। परंतु चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था यहां पर नहीं की गई। जिसके चलते रोज मवेशी तडप तडप कर दम तोड़ रहे हैं। इस गौशाला में अब मवेशियों की संख्या 3000 से भी कम बची है। यहां अव्यवस्थाओं की शिकायतें प्रशासन तक भी पहुंच रही हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
गौवंशियों की दशा से आहत जीव प्रेमी अखिलेश अवस्थी लगातार अपनी व्यथा को अधिकारियों की चौखट पर सुनाते रहे लेकिन गांधारी बना प्रशासन लगातार अनदेखी करता आ रहा है।
हालांकि हनुमंत जीव आश्रय संस्थान अपनी सामर्थ्यानुसार बदइंतजामी की मार सहन करने वाले गौवंशियों को जीवआश्रय लाने का काम कर रहा है। हर संभव ऐसे बीमार जीवों को यहां लाकर उपचार देने का काम भी कर रहा है। लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर आखिर क्यों गंभीर नही हो रहा।
कोई टिप्पणी नहीं