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गोरखपुर का कमाल है कि मच्छर और माफिया का सफाया हुआ है : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश में बदतर कानून व्यवस्था के नाते निवेश के नाम से उद्यमी दूर भागते थे ,वहां साढ़े चार साल में सुरक्षा की मुकम्मल गारंटी और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर मिला तो निवेश का अलग ही माहौल बन गया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुए यूपी के इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले और उनमें से 3.68 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव धरातल पर भी उतर चुके हैं।

श्री योगी बधवार को गोरखपुर में एक मीडिया समूह की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब थी। माफिया द्वारा व्यापारियों से गुंडा टैक्स लेना चौराहों पर वसूली करना आम था। कोई निवेश के लिए आगे भी आता तो महीनों कार्यालयों में अनावश्यक भागदौड़ और भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर पीछे हट जाता था। सड़क जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर बेहद खराब थे।



उन्होंने कहा कि सूबे की कमान संभालने के बाद अधिकारियों को इस पर काम करने को कहा और प्रदेश में निवेश लाने के लिए देश के छह प्रमुख शहरों में कार्यक्रम करने के लिए अधिकारियों को लगाया। मुंबई में मैं खुद गया और वहां एक ही दिन में ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव मिले। श्री मोदी की उपस्थिति में हुए यूपी के इन्वेस्टर्स समिट की उपलब्धि सब को पता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करते हैं तो निवेश के जरिये रोजगार की उपलब्धता भी सुनिश्चित होती है। इंफ्रास्ट्रक्चर अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। इसी उद्देश्य से जितने भी एक्सप्रेस-वे बनाए जा रहे हैंए वहां इंडस्ट्रियल क्लस्टर भी बनाए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में हुए निवेश से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हुए। इसके अलावा बीते करीब साढ़े चार सालों में साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई। दो करोड़ से अधिक लोगों को एमएसएमई के जरिये रोजगार मिला। यह हर्ष का विषय है कि आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य में बेरोजगारी की दर सबसे कम है।

योगी ने कहा कि 1998 में जब वह पहली बार सांसद बने तो गोरखपुर में मच्छर जनित बीमारी इंसेफेलाइटिस और माफिया सबसे बड़ी समस्या थे। सरकारों की कार्यप्रणाली से पूरे प्रदेश का यही हाल था। सांसद के रूप में नागरिकों और व्यापारियों के सहयोग से गोरखपुर को मच्छर और माफिया से मुक्त करने का आंदोलन शुरू किया था। लोगों ने आंख बंद कर विश्वास किया तो यह लड़ाई सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंची।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का अंतर्विभागीय समन्वित प्रयास की सफलता आज सबके सामने है। अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से माफिया का भी सफाया कर दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1977-78 से 2016 तक प्रतिवर्ष 1200 से 1500 बच्चे इंसेफेलाइटिस से दम तोड़ देते थे। एक दौर वह भी था जब 1998 में मुझे इस विषय पर संसद में राज्य का विषय बताकर आवाज नहीं उठाने दिया गया था। चूंकि यह बीमारी बिहार, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश असम, ओडिशा आदि राज्यों में भी थी। इसके बाद नेशनल इशू के रूप में मैं संसद में लगातार इस पर आवाज उठाता रहा।

श्री योगी ने कहा कि 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद चिकित्सा ढांचा को सीएचसी पीएचसी तक मजबूत कर स्वच्छता अभियान और शुद्ध पेयजल की सुनिश्चितता जैसे प्रयासों से इंसेफेलाइटिस पर काबू पाया गया। इसमें बड़ी भूमिका श्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन ने भी निभाई ,जिसके माध्यम से हर गरीब के घर शौचालय बना और खुले में शौच से मुक्ति मिली और आज इंसेफेलाइटिस से होने वाली मृत्यु की दर 95 प्रतिशत तक कम हो चुकी है।

माफिया के सफाए की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1998 में पहली बार सांसद बना तो गोरखपुर के बंद पड़े खाद कारखाना की समस्या को लेकर मैं तत्कालीन उर्वरक मंत्री सुरजीत सिंह बरनाला से मिलने गया। गोरखपुर से सांसद चुने जाने की बात सुनते ही वह काफी देर तक देखते रहे। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि मैं (योगी) गोरखपुर से सांसद के रूप में जीतकर आया हूं। उनकी नजर में गोरखपुर अपराध की धरती थी। उन्होंने कहा कि श्री बरनाला ने बताया कि 1967-68 में वह गोरखपुर गए थे और उनकी सभा के पहले ही गोली चल गई थी। तब से वह गोरखपुर गए ही नहीं।

श्री योगी ने कहा कि 2017 से प्रदेश के हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि करीब साढ़े चार सालों में कोई भी दंगा नहीं हुआ है। जब दंगा नही होता है तो समाज का हर तबका सुरक्षित रहता है। उन्होंने कहा कि अपराधियों की काली कमाई पर बुलडोजर जनभावनाओं के अनुरूप ही चलाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के शानदार प्रबंधन में इंसेफेलाइटिस के सफल नियंत्रण का अनुभव काम आया। उन्होंने बताया कि कोरोना के सेकेंड वेव को हमनें काबू में कर लिया है। तीसरी लहर को लेकर हमारी तैयारी पूरी है। करीब 25 करोड़ की आबादी वाले इस प्रदेश में आज एक्टिव केस 600 के करीब ही रह गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के करीब दस जिलों में एक भी कोरोना का केस नहीं है।

उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक हम 6.64 करोड़ कोविड टेस्ट कर चुके हैं। टीकाकरण में भी हम बहुत आगे हैं। कल एक दिन में ही 28 लाख लोगों को टीका लगाया गया। अब तक 5.16 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास वैक्सिन रहे तो हम तीन माह में पूरे प्रदेश के लोगों का टीकाकरण कर लेंगे।

उन्होंने कहा कि कि देश के अन्य राज्यों में तथा कुछ देशों में कोरोना की स्थिति ज्यादा गंभीर रही है,लेकिन वहां मीडिया ट्रायल नहीं होता है। यूपी पर सवाल उठाने वालों को तुलनात्मक अध्ययन भी करना चाहिए।

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरी लहर प्रदेश में 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन से 25 करोड़ लोगों की सेवा कर रहा था जबकि 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पाने वाले दिल्ली में पौने दो करोड़ आबादी की भी देखभाल नहीं हो पा रही थी। दिल्ली के लोग नोयडा, मेरठ, सहारनपुर जैसे शहरों में आकर इलाज करा रहे थे जबकि केंद्र व राज्य का सबसे अधिक हेल्थ फण्ड दिल्ली के पास होता है।

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