Breaking News

सात दिन के मासूम को जिंदा दफन कर रहा था अधेड़...तभी अचानक

लखनऊ। सोनभद्र में सात दिन के मासूम को जिंदा ही अधेड़ दफन कर रहा था किंतु रोने की आवाज पर दौड़ी महिलाओं की वजह से जान बच गई। इंसान के अंदर इंसानियत नहीं तो उसकी गिनती किसमें होगी क्योंकि जानवर भी प्रेम की भाषा समझते हैं। ऐसे लोगों की गिनती दरिंदों में होती है। जिनमें न तो प्यार होता है और न ही किसी के दर्द को समझने की क्षमता।


ताजा ह्रदयविदारक मामला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का है। जहां जिले के श्मशान में 7 दिन के नवजात को एक अधेड़ जिंदा दफन कर रहा था। नवजात आधी मिट्टी में धंस चुका था और अधेड़ उसे और दफन कर रहा था। तभी पास काम कर रही महिलाओं ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी और पास आईं। तब जाकर बच्चे की जान बच पाई लेकिन दरिंदा  भाग गया। जिले के रेणुसागर मोड़ के पास स्थित श्मशान में एक सप्ताह के शिशु को बेरहम जिंदा दफन कर रहा था। 

कोई टिप्पणी नहीं