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भाव से ही है हर बनधनों से मुक्ति मिलती है : कथावाचक

Shri Ramjanki Times/Anuj Shukla

Asoha Unnao. भाव से ही है हर बनधनों से मुक्ति मिलती है ,उक्त उद्गार मानस वेदांत संत सम्मेलन के सातवे दिन कथा के दौरान नैमिष से आए मानस लहरी जी ने कहा।



क्षेत्र के अजय पुर स्थित कुटीवीर बाबा मंदिर प्रांगण में चल रहे सातवें नव दिवसीय हनुमत रूद्र महायज्ञ एवं मानस वेदांत संत सम्मेलन में सातवें दिन नैमिष धाम से पधारे कथावाचक मानस लहरी जी ने श्रोताओं को रामकथा में राम के गुरुकुल व सीता स्वयंवर राम का धनुष तोड़ना तथा लक्ष्मण परशुराम संवाद आदि कई रोचक प्रसंग सुनाए। 


मानस लहरी जी ने बताया की परसराम जी के क्रोध को कम करने के लिए राम जी ने कहा कि परशु सहित बड़ नाम तुम्हारा ,राम मात्र लघु नाम हमारा अर्थात हम तो रिसीवर वैसे भी हम आपसे छोटे हैं फिर परशुराम जी ने राम से कहा यदि तुम इस धनुष की प्रत्यंचा चढ़ा दो तो मेरी शंका खत्म हो जाएगी, मैं यहां से चला जाऊंगा रामजी के  धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाते ही वह चले गए ।


कथा में भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति दुख की में होता है तभी वह ईश्वर की याद करता है यदि प्रत्येक क्षण ईश्वर की याद करें आराधना करें तो मनुष्य के दुखों में कमी आजाएगी ।   आयोजक भाजपा नेता संजय शुक्ल ने क्षेत्र के विभिन्न पेपरों  मे संकलन कर रहे दो दर्जन से अधिक पत्रकारों को अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह दे के सम्मानित किया । 


कथा के दौरान  पहुंचे स्नातक विधायक अरुण पाठक  ने व्यास पीठ से आशीर्वाद लेते हुए कहा रामचरित मानस हम जीवन का उद्देश्य समझाती है राम ने किस सादगी व सरलता से जीवन  में कष्टों को सहते हुए जीवन जिया यह अनुकरणीय है । इस दौरान  चेयर मैन बीघापुर गोविंद शुक्ल , जिलाध्यक्ष विहिप रविशंकर शुक्ल , आशू सिंह प्रधान ,अनूप बाजपेई प्रधान , सतीश त्रिपाठी प्रधान ,रानू सिंह , सहित अन्य सैकड़ों क्षेत्र वासी उपस्थित रहे  ।

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