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क्‍या देश में दस्‍तक दे चुकी है कोरोना की तीसरी लहर



 नई दिल्‍ली। देश में कुछ दिनों से कोरोना के नए मामलों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के ताजा आंकड़े बताते हैं कि मंगलवार को सामने आए कोरोना मामलों की तुलना में बुधवार को करीब 12 हजार से अधिक कोरोना केस मिले हैं। ऐसे में ये सवाल जरूर उठता है कि एक ही दिन में नए मामलों में आई ये तेजी किस तरफ इशारा कर रही है।

आपको बता दें कि पिछले काफी दिनों से देश में महामारी की तीसरी लहर को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। पिछले दिनों आईआईटी हैदराबाद और कानपुर के शोध में भी ये बात सामने आई है कि देश में तीसरी लहर इसी माह के मध्‍य में आ जाएगी। शोध में ये भी कहा गया है कि अक्‍टूबर में ये लहर अपने चरम पर पहुंच जाएगी। इस बारे में सफदरजंग मेडिकल कॉलेज में कम्‍यूनिटी मेडिसिन के हैड डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना  है कि देश में पहली लहर भी इसी दौरान आई थी।

उनका कहना है कि इस दौरान देश में फेस्टिवल सीजन होता है। इस वजह से लोग घरों से बाहर भी निकलते हैं और आपस में मिलते जुलते भी हैं। हालांकि वो ये भी मानते हैं कि इस बार देश में तीसरी लहर राष्‍ट्रीय स्‍तर पर इतनी व्‍यापक या भयावह नहीं होगी जितनी पहली और दूसरी रही थी। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि देश के कुछ ही राज्‍यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

उनके मुताबिक किसी एक राज्‍य में बढ़ते कोरोना के मामले दूसरे राज्‍यों के लिए कम खतरनाक साबित होंगे, क्‍यों‍कि वर्तमान में अधिकतर लोगों में एंटीबॉडीज बन चुकी हैं और काफी हद तक लोगों को वैक्‍सीनेट किया भी जा चुका है। आगे भी इस प्रक्रिया को तेज करने की कवायद जारी है।

केरल के बढ़ते मामलों पर डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि वहां पहली और दूसरी लहर में जिस तरह के इंतजाम थे उसकी वजह से वहां पर संक्रमण की रफ्तार अन्‍य राज्‍यों की तुलना में कम रही थी। लेकिन अब चीजों के सामान्‍य की तरफ बढ़ जाने के चलते वहां पर संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है। यहां की एक बड़ी आबादी को वैक्‍सीन लगना अभी बाकी है। जैसे-जैसे इसमें तेजी आएगी और लोगों में एंटीबॉडी बनेंगी तो मामलों में गिरावट भी देखने को मिलेगी।  

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