मीटर रीडरों ने घर बैठे बना दिए बिल
गोरखपुर। शहर क्षेत्र में जून महीने में 11 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का गलत बिल दिया गया है। इनमें 10 हजार उपभोक्ताओं को रीडिंग डिफेक्ट (आरडीएफ) श्रेणी का बिल मिला है। ऐसे बिल तब जारी होते हैं जब बिना मीटर देखे रीडर अनाप-शनाप रीडिंग डाल देते हैं। 989 उपभोक्ताओं को सीलिंग डिफेक्ट श्रेणी का बिल जारी किया गया है। गड़बड़ बिल बनने पर अफसरों ने बिलिंग एजेंसी से नाराजगी दर्ज कराई है।
10 हजार उपभोक्ता के बिल में रीडिंग डिफेक्ट
बंगलुरू की एजेंसी बिजनेस कंसल्टिंग एंड आइटी सोल्यूशंस (बीसीआईटीएस) को बिल बनाने की जिम्मेदारी मिली है। शहर में दो लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। इनमें 55 हजार से ज्यादा के परिसर में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। एजेंसी के कर्मचारी घर-घर जाकर मीटर रीडिंग कर बिल बनाते हैं। पिछले साल से एजेंसी को प्रोब आधारित बिल बनाने के निर्देश दिए गए थे। इसमें एक उपकरण के माध्यम से मीटर रीडर अपनी हैंडहेल्ड मशीन को बिजली मीटर से जोड़ देते हैं। इससे मीटर की रीडिंग हैंडहेल्ड मशीन में दर्ज हो जाती है। इस प्रक्रिया में गलत बिल जारी होने की कोई संभावना नहीं होती है लेकिन ज्यादातर जगहों पर प्रोब आधारित बिलिंग नहीं हो रही है। मीटर रीडर घर बैठ कर बिल बना रहे हैं।
गलत बिल बनाने पर बिलिंग एजेंसी पर 45 लाख रुपये जुर्माना हो चुका है। कुछ दिनों पहले एजेंसी ने स्मार्ट मीटर का भी बिल जारी करने की जानकारी देते हुए प्रति बिल कमीशन के लिए आवेदन कर दिया था। इसकी जांच के बाद एक खंड क्षेत्र में बिलिंग एजेंसी पर 15 लाख रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है।
यहां बने गलत बिल
टाउनहाल 422 6178
बक्शीपुर 328 2968
मोहद्दीपुर 95 531
राप्तीनगर 143 924
जून महीने में 11 हजार से ज्यादा कनेक्शन पर गलत बिल बने हैं। बीसीटीआइएस के अफसरों को पत्र लिखकर सुधार के लिए कहा गया है। गलत बिल बनने से बिजली निगम के अफसरों और कर्मचारियों को बिल सुधार में काफी मशक्कत झेलनी पड़ती है। उपभोक्ता हित में बिल ठीक कराया जाता है। यदि बिल सही बनें तो उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होगी।
Vishal Jaiswal : Sri ramjanki times

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