स्वस्थ बच्चे की मुस्कान ही उसका आत्मविश्वास जगाती है
Shri Ramjanki Times
उन्नाव। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के सहयोग से जन्मजात कटे होंठ एवं कटे तालू के मरीज़ो के लिए निःशुल्क पंजीकरण शिविर का आयोजन 16 नवंबर व 3 दिसंबर तक जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हसनगंज, फतेहपुर चौरासी, पुरवा, सिकंदरपुर कर्ण, तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र(अचलगंज) पर शिविर आयोजित किये गये थे। मुख्य चिकित्साधिकारी डा सत्य प्रकाश ने बताया कि आयोजित शिविरों में विभागीय चिकित्सकों द्वारा 41 बच्चों का निःशुल्क परीक्षण एवं पंजीकरण किया गया है। आपरेशन के लिए भी चिन्हित किया गया है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ ललित कुमार ने कहा कि भविष्य में इस तरह के शिविर जनमानस की भलाई के लिए लगाए जाएँगे।
डॉ सत्य प्रकाश ने कहा कि निःशुल्क परीक्षण एवं पंजीकरण को सफल बनाने में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अमित मिश्रा, डॉ आर. के. गुप्ता, मोबाइल हेल्थ टीमों, आशा कार्यकर्त्रियों, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों, आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम प्रधानों, शिक्षा विभाग के कर्मचारियों, हेल्थ सिटी हास्पिटल-स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के अवेयरनेस असिस्टेन्ट नीरज कुमार शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह, ज़ुबैर व विनीत शर्मा की सक्रिय व सकारात्मक भूमिका रही।
जहां स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ वैभव खन्ना ने बताया कि पूर्ण रुप से स्वस्थ बच्चे की मुस्कान ही उसका आत्मविश्वास जगाती है। जन्मजात विकार अन्य विकारों की अपेक्षा बच्चों में अधिक देखने को मिलती है। वही माता-पिता शुरु आती दौर में इस बीमारी को समझ नहीं पाते हैं। जिससे समय से उचित चिकित्सीय परामर्श न मिलने से इस बीमारी का इलाज मुश्किल हो जाता है। अगर पैदायशी कटे होंठ वाला बच्चा 5-6 माह तक और कटे तालू वाले बच्चे का इलाज जन्म के 8-10 माह के दौरान किया जाये तो बच्चे के चेहरे पर जीवन भर मुस्कान रहती है।
स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट का वास्तविक उद्देश्य आपके बच्चे की उम्र उसके आगे निकल गयी है तो भी सर्जरी हो सकती है। लेकिन सही समय पर सर्जरी कराने से नतीजा सामान्य से ज्यादा अच्छा होता है। जन्मजात कटे होंठ व तालू की विकृति सर्जरी व अन्य उपचारों से पूरी तरह ठीक हो सकती है। जहां डा. वैभव ने बताया कि पंजीकरण की प्रक्रिया तीन दिसम्बर के बाद भी निरंतर जारी रहेगी जिसमें रोगियों का सम्पूर्ण इलाज निःशुल्क किया जायेगा। जो मरीज पंजीकरण का लाभ नहीं उठा पाए वह भी पंजीकरण करवा सकते है।
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