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प्रभु सर्वत्र व्याप्त है ,बस खोजने की जरूरत है : मानस लहरी

Shri Ramjanki Times/Anuj Shukla

Asoha Unnao.  प्रभु सर्वत्र व्याप्त है ,बस खोजने की जरूरत है उक्त उद्गार नैमिष से आए मानस लहरी ने राम कथा के दौरान कही । क्षेत्र के अजयपुर स्थित पावन धाम कुटीबीर बाबा मे गुरुवार से शुरू हुए सातवे नव दिवसीय हनुमत रूद्र महायज्ञ  के प्रथम दिन रामकथा के दौरान नैमिष से आए मानस लहरी जी ने श्रोताओं को राम के चरित्र के बारे में बताया ,उन्होंने ने बताया कि ईश्वर सर्वत्र है बस खोजने की  जरूरत है। उन्होंने कहा कि पग बिनु चलिही ,सुन्हिही बिनु काना , आनन रहित सकल रस भोगी ,बिनु वाणी वक्ता बड जोगी । 


अर्थात ईश्वर के पैर नहीं है फिर भी चल लेते है मुख नहीं फिर भी सारे रसो का भोग करते है , कान नहीं है फिर भी सुन लेते है ।मनुष्य को अपने अंदर ही ईश्वर की खोज करनी चाहिए , ईश्वर तो आपके भीतर ही है बस उसे खोजने की जरूरत है । यह मन चंचल और चलायमान है ,  अपनी इसी चंचलता के चलते व्यक्ति को पथ से भटका देता है  ।मन को एकाग्र करके ईश्वर की प्राप्ति की जा सकती है ।   रामकथा के दौरान  भगवान शंकर शुक्ल , दिनेश पाण्डेय , सरजू यादव , चंड्रनारायन , गुड्डू पाल , आकाश विश्वकर्मा सहित सैकड़ों क्षेत्र वासी उपस्थित रहे ।


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