पुलिस के लिए बना है सिरदर्द बना गौरी यादव
चित्रकूट। यूपी व एमपी के सरहद के जंगल में करीब चार दशक से कोई न कोई पांच लाख का इनामी डकैत रहा है। सबसे पहले डकैत शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ में इतना बड़ा इनाम हुआ। उसके बाद डकैत अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया, सुंदर पटेल उर्फ रागिया, सुदेश पटेल उर्फ बलखडिया और बबली कोल पर पांच लाख के इनाम हुए लेकिन सभी मारे गए। बीते साल बबली कोल के मारे जाने के बाद पाठा का जंगल पांच लाख इनामी डकैतों से मुक्त हो चुका था। सिर्फ डेढ़ लाख इनामी गौरी यादव था। जो छिपा-छिपा फिरता था। हालांकि उसने इधर कोई बड़ी घटना भी नहीं की है फिर भी यूपी सरकार ने उस पर एक से बढ़ाकर पांच लाख इनाम कर दिया है। जबकि एमपी से सिर्फ 50 हजार रुपये है। अब यह डकैत साढ़े पांच लाख इनामी है यूपी व एमपी पुलिस बहुत तेजी इसके तलाश में जुटी है।
आतंक के बल पर मां को बनाया था प्रधान: पाठा के जंगल में डकैत गौरी आतंक कम नहीं था। इनामी ने वर्ष 2016 के चुनाव में ग्राम पंचायत ददरी से अपनी मां राजरानी को ग्राम प्रधान बना था। आज भी डकैत चित्रकूट में अपनी दहशत कायम है। उसके खात्मे के लिए जिला पुलिस लगातार कांबिंग कर रही है। आइजी चित्रकूटधाम रेंज के सत्यनारायण व एसपी अंकित मित्तल खुद जंगल में कूद चुके हैं।
डकैत गौरी यादव में पांच लाख इनाम बढ़ाने का प्रस्ताव आइजी जोन चित्रकूटधाम मंडल बांदा व एडीजी जोन प्रयागराज ने भेजा था। जिसकी संस्तुति प्रदेश सरकार ने कर दी है। अब गौरी पर साढ़े पांच लाख इनाम हो गया है। 50 हजार मध्यप्रदेश से है।
Vishal Jaiswal : Sri Ramjanki Times

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